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Astrology Tips: Manglik Dosha of horoscope is also beneficial! Know it auspicious results
दोष या पीड़ा तब होती है जब कुंडली में शनि, मंगल या राहु जैसे हानिकारक ग्रह प्रतिकूल घरों में स्थित होते हैं। इस तरह की घटनाएं व्यक्ति के जीवन में कई तरह की जटिलताएं, चुनौतियां और नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। मंगल दोष कुंडली में एक ऐसी प्रतिकूल ग्रह स्थिति है। भोम दोष, कुज दोष या अंगारक दोष के रूप में भी जाना जाता है, मंगल दोष तब होता है जब मंगल ग्रह या मंगल किसी व्यक्ति की कुंडली के पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें घर में पाया जाता है।
Astrology Tips: कुंडली का मांगलिक दोष भी है लाभकारी! जानिए इसके शुभ फल
Manglik Dosh Astrology Tips:” जब लग्न में मंगल दोष का प्रभाव होता है तो जातक का स्वभाव अत्यधिक तेज और गुस्से वाला हो जाता है। साथ ही उसमें अहंकार का भाव भी आ जाता है। चतुर्थ भाव में मंगल की स्थिति होने के कारण यह जीवन में सुखों की कमी करता है। साथ ही पारिवारिक जीवन में कठिनाइयां भी लाता है।
Effects of Maglik Dosh:
आम तौर पर कुंडली में मंगल दोष पाये जाने पर जातक घबड़ा जाते हैं और तमाम तरह की आशंकाओं से घिर जाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि कुंडली में मांगलिक दोष का होना उतना बुरा भी नहीं है, जितना प्रचारित किया जाता है। कई बार मजबूत मंगल की स्थिति बहुत ही अच्छे परिणाम लेकर आती है। वैसे भी मंगल का अर्थ शुभ होता है और मांगलिक कार्यों का मतलब भी यही होता है। इसलिए कुंडली में अगर मांगलिक दोष हो, तो घबड़ाने की जरुरत नहीं। हम आपको बताएंगे कि मंगल की स्थिति, किस तरह आपके जीवन में शुभ फलों की वजह बनती है।
Astrology Tips: मांगलिक दोष के लाभ, दुष्प्रभाव और उचित उपाय
मांगलिक दोष के लाभ
- जब मंगल प्रथम यानि लग्न भाव में हो तो ऐसे व्यक्ति साहसी और पराक्रमी होते हैं। ये कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी विजयी बनकर बाहर निकलते हैं। खेल, सेना, सेवा आदि क्षेत्रों में ये काफी नाम कमाते हैं।
- यदि चतुर्थ भाव में मंगल हो, तो ऐसे जातक शक्तिशाली और आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। इन्हें भूमि, वाहन, सुख आदि की कमी नहीं रहती।
- सप्तम भाव में मंगल होने से साझेदारी के काम में सफलता मिलती है। संपत्ति से जुड़े काम में शुभ परिणाम मिलते हैं। ऐसे जातक बड़े पद पर आसीन होते हैं और शरीर से स्वस्थ रहते हैं।
- अष्टम भाव में मंगल हो, तो आकस्मिक रूप से धन लाभ के योग बनते हैं। साथ-साथ ऐसे जातक सर्जरी में शानदार करियर बना सकते हैं।
- मंगल के द्वादश भाव में होने से जातक को विदेशों में भूमि-संपदा खरीदने में कामयाबी मिलती है।
मांगलिक दोष के दुष्प्रभाव
- मंगल ग्रह को उग्र ग्रह भी माना गया है। इसलिए मांगलिक कुंडली वाले जातकों के स्वभाव में उग्रता देखी जाती है।
- इस दोष ती वजह से जातक का विवाह में अनावश्यक कारणों से देर होती है या बार-बार शादी तय हो कर भी टूट जाती है।
- मांगलिक जातकों का यदि विवाह हो भी गया है, तो उसमें ना चाहते हुए भी बाधाएं आती हैं या बेवजह की परेशानियां आती हैं।
- जीवन साथी के साथ अत्यधिक संघर्ष, विवाद, बेवजह की अनबन, लड़ाई-झगड़ा होना भी मांगलिक होने के संकेत हैं।
- बेवजह और छोटी-छोटी बातों पर भी गुस्सा आना, बात-बात पर खून उबलने लगना आदि मंगल दोष के लक्षण हैं।
- मांगलिक दोष में लोगों खून से संबंधित परेशानियां भी होती हैं।
लेकिन इन तमाम परेशानियों का हल है। अगर आप मन को शांत करने के उपाय करें और गुस्से को काबू में रखें, तो मंगल दोष का कोई खास असर नहीं पड़ता। वैसे भी ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक 28 साल के बाद मंगल दोष का प्रभाव कम पड़ने लगता है। इसलिए जीवन के शुरुआती सालों में सावधानी बरतें और गुस्से पर काबू रखें। साथ ही संभव हो तो 28 साल के बाद ही विवाह करें। इससे पारिवारिक जीवन में बाधाएं कम आएंगी।
मंगल दोष के उपाय
- मंगल दोष से मुक्ति के लिए सबसे बड़ा उपाय यह है कि जातक का अहंकार, क्रोध और आत्म नियंत्रण बना रहे।
- इसके अलावा पीले कागज पर लाल स्याही से लिखी हुई हनुमान चालिसा का पूरी श्रद्धा से प्रतिदिन पाठ करें।
- भगवान शिव शक्ति की साथ में पूजा करें।
- शिवलिंग पर लाल रंग के पुष्प चढ़ाएं।
- हर मंगलवार को मसूर की दाल और गुड़ का दान करें।
- मंगलवार के दिन मजदूरों को खाना खिलाएं।